INTERNET SHUT DOWN

INTERNET SHUT DOWN: कैसे किया जाता है इंटरनेट शटडाउन? विस्तार से समझिए।

हाइलाइट्स

INTERNET SHUT DOWN: कैसे किया जाता है इंटरनेट शटडाउन? विस्तार से समझिए।
कैसे किया जाता है इंटरनेट शटडाउन?

इंटरनेट है क्या?

INTERNET SHUT DOWN: कैसे किया जाता है इंटरनेट शटडाउन? विस्तार से समझिए।
कैसे किया जाता है इंटरनेट शटडाउन?
  1. वर्ल्ड वाइड वेब (WWW)- वेबसाइटों और वेब पेजों का संग्रह।
  2. ईमेल- संदेश भेजने और प्राप्त करने के लिए।
  3. सोशल मीडिया- फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम जैसी प्लेटफार्मों पर सामाजिक नेटवर्किंग करने के लिए।
  4. ऑनलाइन चैट और मैसेजिंग- व्हाट्सएप, टेलीग्राम जैसी सेवाओं के माध्यम से।
  5. वीडियो और ऑडियो स्ट्रीमिंग- यूट्यूब, नेटफ्लिक्स जैसी सेवाओं के माध्यम से।
  6. ऑनलाइन शॉपिंग- अमेज़न, फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स वेबसाइटों के माध्यम से।

इंटरनेट काम क्या करता है?

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संचार-

बैंकिंग और वित्तीय सेवाएँ-

शिक्षा और प्रशिक्षण-

समाचार और अपडेट्स-

दूरस्थ कार्य-

स्वास्थ्य सेवाएँ-

सामाजिक जुड़ाव-

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इंटरनेट काम कैसे करता है?

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कैसे किया जाता है इंटरनेट शटडाउन?
  1. IP एड्रेसिंग और DNS-
    IP एड्रेस: हर इंटरनेट से जुड़े डिवाइस (जैसे कंप्यूटर, स्मार्टफोन) का एक अनोखा एड्रेस होता है जिसे IP (Internet Protocol) एड्रेस कहते हैं। यह आईपीवी4 (IPv4) या आईपीवी6 (IPv6) हो सकता है।
    DNS (डोमेन नेम सिस्टम): यह सिस्टम डोमेन नामों (जैसे https://www.google.com) को आईपी एड्रेस में बदलता है। यह इसलिए उपयोगी है क्योंकि डोमेन नाम याद रखना आसान होता है।
  2. पैकेट स्विचिंग-
    इंटरनेट डेटा को छोटे-छोटे टुकड़ों (पैकेट्स) में विभाजित करता है। हर पैकेट में स्रोत और गंतव्य (source and destination) की जानकारी होती है।
    ये पैकेट्स विभिन्न मार्गों (routes) से गुजरते हैं और गंतव्य पर पहुंचकर फिर से इकट्ठे हो जाते हैं।
  3. राउटर और स्विच-
    राउटर: ये नेटवर्क डिवाइस होते हैं जो डेटा पैकेट्स को सही मार्ग (route) पर भेजते हैं।
    स्विच: ये डिवाइस एक ही नेटवर्क के भीतर डेटा पैकेट्स को विभिन्न डिवाइसेस के बीच भेजते हैं।
  4. प्रोटोकॉल-
    इंटरनेट पर डेटा संचार के लिए विभिन्न प्रोटोकॉल्स का उपयोग किया जाता है। सबसे महत्वपूर्ण प्रोटोकॉल्स में TCP (Transmission Control Protocol) और IP (Internet Protocol) शामिल हैं। इन दोनों को मिलाकर TCP/IP कहा जाता है।
    अन्य प्रोटोकॉल्स जैसे HTTP/HTTPS (वेब ब्राउज़िंग के लिए), FTP (फाइल ट्रांसफर के लिए), और SMTP/IMAP/POP3 (ईमेल के लिए) भी उपयोग किए जाते हैं।
  5. इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स (ISPs)-
    ISPs वे कंपनियाँ होती हैं जो इंटरनेट कनेक्शन प्रदान करती हैं। वे अपने नेटवर्क को बड़े नेटवर्क्स से जोड़कर इंटरनेट एक्सेस प्रदान करती हैं।
  6. डेटा सेंटर और सर्वर-
    डेटा सेंटर उन स्थानों को कहते हैं जहाँ बड़ी संख्या में सर्वर रखे जाते हैं। ये सर्वर वेबसाइट्स, एप्लिकेशन्स, और विभिन्न इंटरनेट सेवाओं को होस्ट करते हैं।
  7. कैबल्स और सैटेलाइट्स-
    इंटरनेट डेटा को ट्रांसफर करने के लिए भूमिगत केबल्स, समुद्र के नीचे बिछी केबल्स, और सैटेलाइट्स का उपयोग किया जाता है।
  8. फायरवॉल और सुरक्षा-
    फायरवॉल और अन्य सुरक्षा उपकरण इंटरनेट पर डेटा को सुरक्षित रखने के लिए उपयोग किए जाते हैं। ये अवांछित एक्सेस और साइबर हमलों से सुरक्षा प्रदान करते हैं।

कैसे किया जाता है इंटरनेट शटडाउन? (INTERNET SHUT DOWN)

How is internet shutdown done?
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INTERNET SHUT DOWN: कैसे किया जाता है इंटरनेट शटडाउन? विस्तार से समझिए।
कैसे किया जाता है इंटरनेट शटडाउन?
  • नेटवर्क ब्लॉकिंग- इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (ISPs) को नेटवर्क को बंद करने का आदेश देकर।
  • DNS ब्लॉकिंग- डोमेन नेम सिस्टम (DNS) को ब्लॉक करके, जिससे उपयोगकर्ता वेबसाइटों तक पहुंच नहीं सकते।
  • IP एड्रेस ब्लॉकिंग- कुछ विशेष IP पतों को ब्लॉक करके, जिससे वेब सर्वर और सेवाओं तक पहुंच नहीं होती।
  • कंटेंट फिल्टरिंग- कुछ विशेष सामग्री या सेवाओं को फिल्टर करके।
  • ट्रांसपोर्ट लेयर ब्लॉकिंग- ट्रांसपोर्ट लेयर प्रोटोकॉल (TCP/UDP) को ब्लॉक करके।

कब किया जाता है इंटरनेट शटडाउन?

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सुरक्षा और कानून व्यवस्था-

चुनाव और राजनीतिक कारण-

सामाजिक कारण-

आर्थिक कारण-

साइबर सुरक्षा-

उदाहरण-

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क्या VPN का इस्तेमाल करके इंटरनेट शटडाउन के समय भी इंटरनेट चलाया जा सकता है?-

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VPN कैसे काम करता है-

इंटरनेट शटडाउन के दौरान VPN की सीमाएँ-

कुछ परिस्थितियाँ जहाँ VPN मदद कर सकता है-

भारत में किन नियमों के तहत किया जाता है इंटरनेट शटडाउन?

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भारत में इंटरनेट शटडाउन मुख्य रूप से भारतीय टेलीग्राफ एक्ट,1885 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत किया जाता है। इसके अतिरिक्त, सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों और सरकार द्वारा जारी किए गए विभिन्न नियमों का भी पालन किया जाता है। यहाँ कुछ प्रमुख नियम और प्रावधान हैं जिनके तहत इंटरनेट शटडाउन किया जाता है।

  1. भारतीय टेलीग्राफ एक्ट,1885-
    धारा 5(2)
    इस धारा के तहत, सरकार को पब्लिक इमरजेंसी या पब्लिक सेफ्टी के मामलों में टेलीग्राफ सेवाओं को निलंबित करने की शक्ति दी गई है। इसमें इंटरनेट सेवाओं को भी शामिल किया गया है।
    इस नियम के अनुसार इंटरनेट शटडाउन का आदेश केवल केंद्र सरकार या राज्य सरकार द्वारा अधिकृत अधिकारियों द्वारा जारी किया जा सकता है।
  2. सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम,2000-
    धारा 69A
    इस धारा के तहत, केंद्र सरकार या उसके द्वारा अधिकृत कोई अधिकारी, यदि यह आवश्यक समझता है कि यह सूचना का अवरोधन, निगरानी, या डिक्रिप्शन करने के लिए उपयुक्त है, तो वह ऐसा कर सकता है।धारा 69A का उपयोग आमतौर पर वेबसाइट ब्लॉकिंग के लिए किया जाता है, लेकिन इसे इंटरनेट शटडाउन के संदर्भ में भी लागू किया जा सकता है।
  3. टेम्परेरी सस्पेंशन ऑफ टेलीकॉम सर्विसेज (पब्लिक इमरजेंसी या पब्लिक सेफ्टी) नियम, 2017-
    इन नियमों के तहत, केंद्र सरकार और राज्य सरकारें इंटरनेट सेवाओं के अस्थायी निलंबन का आदेश दे सकती हैं। इन नियमों के अनुसार, केवल गृह सचिव (केंद्र या राज्य स्तर पर) या उनसे अधिकृत व्यक्ति ही इंटरनेट शटडाउन का आदेश जारी कर सकते हैं। यह आदेश अधिकतम 15 दिनों के लिए हो सकता है और इसकी समीक्षा नियमित रूप से की जानी चाहिए।
  4. सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश-
    जनवरी 2020 में, सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया था जिसमें इंटरनेट शटडाउन के मुद्दों पर दिशा-निर्देश दिए गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इंटरनेट शटडाउन को अनिश्चित काल तक जारी नहीं रखा जा सकता और इसका आदेश पारदर्शी तरीके से जारी किया जाना चाहिए। हर इंटरनेट शटडाउन का आदेश सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होना चाहिए और इसकी समीक्षा नियमित रूप से होनी चाहिए।

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