INTERNET SHUT DOWN:भारत में इंटरनेट शटडाउन को कानूनी ढांचे के तहत किया जाता है, जिसमें विभिन्न नियम और अधिनियम शामिल हैं। हालांकि, इसके उपयोग को संतुलित और उचित बनाए रखने के लिए नियमित समीक्षा और पारदर्शिता महत्वपूर्ण है।
हाइलाइट्स
आज इंटरनेट की इतनी इज्जत है जितनी इज्जत किसी इंसान की नहीं है। हो भी क्यों न? आज के आधुनिक और डिजिटल समय में इंटरनेट की बिना ज्यादातर काम करना संभव नहीं है। आज के समय में यदि 01 घंटे के लिए इंटरनेट ख़त्म हो जाता है तो बोरियत सी होने लगती है।, काम में मन नहीं लगता है। क्योंकि इसी इंटरनेट के माध्यम से हम सोशल मीडिया वेबसाइट तक पहुँचते हैं जिसके हम आदि हो चुके हैं अतः यह कहा जा सकता है कि इंटरनेट ने मनुष्य को अपना गुलाम सा बना लिया है।
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आज के इस आधुनिक युग में जहाँ इंटरनेट की अत्यधिक जरूरत है। वहीं यदि सरकार को देश के किसी भी राज्य, जिले, तहसील या क्षेत्र में कोई भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना लगती है या किसी भी प्रकार के दंगे की आशंका का आभास होता है तो सरकार तुरंत उस क्षेत्र, तहसील, जिले या फिर राज्य का इंटरनेट बंद कर देती है। जिससे इंटरनेट यूजर तक इंटरनेट नहीं पहुँचता है और उस समय किसी भी प्रकार की गलत जानकारी का डिजिटली सम्प्रेषण रुक जाता है।
इंटरनेट है क्या?
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हम यह जानें कि इंटरनेट को बंद कैसे किया जाता है इससे पहले हम यह जान लेते हैं कि आखिर इंटरनेट है क्या? इंटरनेट एक वैश्विक नेटवर्क है जो विभिन्न कंप्यूटर नेटवर्क्स को आपस में जोड़ता है। यह डेटा और सूचनाओं का आदान-प्रदान करने के लिए एक माध्यम के रूप में कार्य करता है। इंटरनेट का उपयोग करके, लोग दुनिया भर में किसी भी समय किसी भी जानकारी तक पहुंच सकते हैं, संवाद कर सकते हैं, मनोरंजन प्राप्त कर सकते हैं और बहुत कुछ कर सकते हैं। इंटरनेट का उपयोग विभिन्न सेवाओं के लिए किया जाता है-
- वर्ल्ड वाइड वेब (WWW)- वेबसाइटों और वेब पेजों का संग्रह।
- ईमेल- संदेश भेजने और प्राप्त करने के लिए।
- सोशल मीडिया- फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम जैसी प्लेटफार्मों पर सामाजिक नेटवर्किंग करने के लिए।
- ऑनलाइन चैट और मैसेजिंग- व्हाट्सएप, टेलीग्राम जैसी सेवाओं के माध्यम से।
- वीडियो और ऑडियो स्ट्रीमिंग- यूट्यूब, नेटफ्लिक्स जैसी सेवाओं के माध्यम से।
- ऑनलाइन शॉपिंग- अमेज़न, फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स वेबसाइटों के माध्यम से।
इंटरनेट काम क्या करता है?
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इंटरनेट विभिन्न कार्यों को संभव बनाता है जो आधुनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गए हैं। यहाँ कुछ प्रमुख कार्य हैं जो इंटरनेट करता है-
सूचना का आदान-प्रदान-
इंटरनेट पर लाखों वेबसाइट्स और वेब पेज उपलब्ध हैं जो विभिन्न विषयों पर जानकारी प्रदान करते हैं।
ऑनलाइन पुस्तकालय, शोध पत्र, और ब्लॉग्स का उपयोग करके लोग अध्ययन और अनुसंधान कर सकते हैं।
संचार-
ईमेल, चैट एप्स (जैसे व्हाट्सएप, टेलीग्राम), वीडियो कॉल (जैसे जूम, स्काइप) के माध्यम से लोग एक-दूसरे से संवाद कर सकते हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स (जैसे फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम) पर लोग अपने विचार, तस्वीरें और वीडियो साझा कर सकते हैं।
मनोरंजन-
वीडियो स्ट्रीमिंग (जैसे यूट्यूब, नेटफ्लिक्स), संगीत स्ट्रीमिंग (जैसे स्पॉटिफाई, एप्पल म्यूजिक) और ऑनलाइन गेमिंग (जैसे फोर्टनाइट, पबजी) के माध्यम से मनोरंजन प्राप्त कर सकते हैं।
ऑनलाइन शॉपिंग-
ई-कॉमर्स वेबसाइट्स (जैसे अमेज़न, फ्लिपकार्ट) पर लोग विभिन्न उत्पादों और सेवाओं की खरीदारी कर सकते हैं।
बैंकिंग और वित्तीय सेवाएँ-
इंटरनेट बैंकिंग, ऑनलाइन ट्रांजैक्शन्स, और मोबाइल वॉलेट्स (जैसे पेटीएम, गूगल पे) का उपयोग करके लोग वित्तीय लेन-देन कर सकते हैं।
शिक्षा और प्रशिक्षण-
ऑनलाइन कोर्सेज (जैसे Coursera, Udemy), वेबिनार्स, और वर्चुअल क्लासरूम्स (जैसे गूगल क्लासरूम) के माध्यम से शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
समाचार और अपडेट्स-
न्यूज़ वेबसाइट्स और एप्स (जैसे बीबीसी, टाइम्स ऑफ इंडिया) पर लोग ताजा समाचार और घटनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
दूरस्थ कार्य-
इंटरनेट के माध्यम से लोग घर से काम कर सकते हैं, टीमों के साथ सहयोग कर सकते हैं और प्रोजेक्ट्स को मैनेज कर सकते हैं।
स्वास्थ्य सेवाएँ-
टेलीमेडिसिन और स्वास्थ्य ऐप्स के माध्यम से डॉक्टर से परामर्श ले सकते हैं, स्वास्थ्य रिकॉर्ड्स मैनेज कर सकते हैं और स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
सामाजिक जुड़ाव-
लोग ऑनलाइन समुदायों और फोरम्स के माध्यम से समान रुचियों वाले लोगों से जुड़ सकते हैं और विचार साझा कर सकते हैं। इंटरनेट ने दुनिया को एक ग्लोबल गांव बना दिया है, जहाँ लोग आसानी से और तुरंत एक-दूसरे से जुड़ सकते हैं और विभिन्न सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।
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इंटरनेट काम कैसे करता है?
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इंटरनेट एक जटिल और विशाल नेटवर्क है जो विभिन्न प्रकार के कंप्यूटर नेटवर्क्स को आपस में जोड़ता है। इसके काम करने का तरीका निम्नलिखित मुख्य तत्वों और प्रक्रियाओं पर आधारित है-
- IP एड्रेसिंग और DNS-
IP एड्रेस: हर इंटरनेट से जुड़े डिवाइस (जैसे कंप्यूटर, स्मार्टफोन) का एक अनोखा एड्रेस होता है जिसे IP (Internet Protocol) एड्रेस कहते हैं। यह आईपीवी4 (IPv4) या आईपीवी6 (IPv6) हो सकता है।
DNS (डोमेन नेम सिस्टम): यह सिस्टम डोमेन नामों (जैसे https://www.google.com) को आईपी एड्रेस में बदलता है। यह इसलिए उपयोगी है क्योंकि डोमेन नाम याद रखना आसान होता है। - पैकेट स्विचिंग-
इंटरनेट डेटा को छोटे-छोटे टुकड़ों (पैकेट्स) में विभाजित करता है। हर पैकेट में स्रोत और गंतव्य (source and destination) की जानकारी होती है।
ये पैकेट्स विभिन्न मार्गों (routes) से गुजरते हैं और गंतव्य पर पहुंचकर फिर से इकट्ठे हो जाते हैं। - राउटर और स्विच-
राउटर: ये नेटवर्क डिवाइस होते हैं जो डेटा पैकेट्स को सही मार्ग (route) पर भेजते हैं।
स्विच: ये डिवाइस एक ही नेटवर्क के भीतर डेटा पैकेट्स को विभिन्न डिवाइसेस के बीच भेजते हैं। - प्रोटोकॉल-
इंटरनेट पर डेटा संचार के लिए विभिन्न प्रोटोकॉल्स का उपयोग किया जाता है। सबसे महत्वपूर्ण प्रोटोकॉल्स में TCP (Transmission Control Protocol) और IP (Internet Protocol) शामिल हैं। इन दोनों को मिलाकर TCP/IP कहा जाता है।
अन्य प्रोटोकॉल्स जैसे HTTP/HTTPS (वेब ब्राउज़िंग के लिए), FTP (फाइल ट्रांसफर के लिए), और SMTP/IMAP/POP3 (ईमेल के लिए) भी उपयोग किए जाते हैं। - इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स (ISPs)-
ISPs वे कंपनियाँ होती हैं जो इंटरनेट कनेक्शन प्रदान करती हैं। वे अपने नेटवर्क को बड़े नेटवर्क्स से जोड़कर इंटरनेट एक्सेस प्रदान करती हैं। - डेटा सेंटर और सर्वर-
डेटा सेंटर उन स्थानों को कहते हैं जहाँ बड़ी संख्या में सर्वर रखे जाते हैं। ये सर्वर वेबसाइट्स, एप्लिकेशन्स, और विभिन्न इंटरनेट सेवाओं को होस्ट करते हैं। - कैबल्स और सैटेलाइट्स-
इंटरनेट डेटा को ट्रांसफर करने के लिए भूमिगत केबल्स, समुद्र के नीचे बिछी केबल्स, और सैटेलाइट्स का उपयोग किया जाता है। - फायरवॉल और सुरक्षा-
फायरवॉल और अन्य सुरक्षा उपकरण इंटरनेट पर डेटा को सुरक्षित रखने के लिए उपयोग किए जाते हैं। ये अवांछित एक्सेस और साइबर हमलों से सुरक्षा प्रदान करते हैं।
उदाहरण: वेबसाइट एक्सेस करना
जब आप अपने ब्राउज़र में किसी वेबसाइट का यूआरएल (जैसे www.google.com) दर्ज करते हैं, तो आपका कंप्यूटर DNS सर्वर से संपर्क करता है और उस डोमेन का IP एड्रेस प्राप्त करता है। आपका ब्राउज़र HTTP या HTTPS प्रोटोकॉल का उपयोग करके उस IP एड्रेस पर अनुरोध (request) भेजता है।
यह अनुरोध विभिन्न राउटर्स और स्विचेस के माध्यम से गंतव्य सर्वर तक पहुंचता है। सर्वर उस अनुरोध का उत्तर (response) देता है, जिसमें वेबसाइट का डेटा (जैसे HTML पेज, इमेज, वीडियो) होता है। यह डेटा पैकेट्स के रूप में आपके कंप्यूटर पर वापस आता है और ब्राउज़र इसे एकत्रित करके वेबसाइट को प्रदर्शित करता है। इस प्रकार, इंटरनेट डेटा और सूचनाओं का आदान-प्रदान करने का एक माध्यम बनकर काम करता है।
कैसे किया जाता है इंटरनेट शटडाउन? (INTERNET SHUT DOWN)
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आइये अब जानते हैं कि इंटरनेट शटडाउन कैसे करती है सरकार। –
इंटरनेट बंद करने के लिए सरकार को कुछ नहीं करना होता है बस एक लिखित आर्डर टेलीकॉम कंपनियों को देना होता है। यह कार्य आमतौर पर सरकार या कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा किया जाता है। इसके बाद सारे काम टेलीकॉम कम्पनियाँ खुद खुद करती है। इंटरनेट शटडाउन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा किसी विशेष क्षेत्र या देश में इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी रूप से बंद कर दिया जाता है। इंटरनेट शटडाउन करने के लिए टेलीकॉम कम्पनियाँ निम्न तरीके अपनाती हैं।-
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- नेटवर्क ब्लॉकिंग- इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (ISPs) को नेटवर्क को बंद करने का आदेश देकर।
- DNS ब्लॉकिंग- डोमेन नेम सिस्टम (DNS) को ब्लॉक करके, जिससे उपयोगकर्ता वेबसाइटों तक पहुंच नहीं सकते।
- IP एड्रेस ब्लॉकिंग- कुछ विशेष IP पतों को ब्लॉक करके, जिससे वेब सर्वर और सेवाओं तक पहुंच नहीं होती।
- कंटेंट फिल्टरिंग- कुछ विशेष सामग्री या सेवाओं को फिल्टर करके।
- ट्रांसपोर्ट लेयर ब्लॉकिंग- ट्रांसपोर्ट लेयर प्रोटोकॉल (TCP/UDP) को ब्लॉक करके।
कब किया जाता है इंटरनेट शटडाउन?
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अब हमने यह समझ लिया है की सरकार आखिर इंटरनेट शटडाउन कैसे करती है। अब हम यह जान लेते है हैं कि आखिर सरकार को इंटरनेट बंद करने की आवश्यकता ही क्यों पड़ती है?
इंटरनेट शटडाउन विभिन्न परिस्थितियों में किया जा सकता है, जब सरकार या कानून प्रवर्तन एजेंसियों को लगता है कि यह आवश्यक है। यहाँ हम आपको उन कुछ प्रमुख कारणों और परस्थितियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनमें इंटरनेट शटडाउन किया जाता है/किया जाना आवश्यक हो जाता है।
सुरक्षा और कानून व्यवस्था-
सांप्रदायिक हिंसा- किसी क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव या हिंसा फैलने की स्थिति में अफवाहों और गलत सूचनाओं को फैलने से रोकने के लिए।
दंगे और प्रदर्शनों- बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन, हड़ताल या दंगे की स्थिति में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए।
आतंकवादी हमले- आतंकवादी हमले या संभावित हमले की स्थिति में हमलावरों के बीच संचार को बाधित करने के लिए।
चुनाव और राजनीतिक कारण-
चुनावों के दौरान- चुनाव प्रक्रिया के दौरान अफवाहों, गलत सूचनाओं और अनावश्यक प्रचार को रोकने के लिए।
राजनीतिक अस्थिरता- राजनीतिक अशांति, सत्ता परिवर्तन या सरकार विरोधी प्रदर्शन की स्थिति में।
सामाजिक कारण-
अफवाहों और गलत जानकारी- अफवाहों, झूठी खबरों, या गलत सूचनाओं के फैलने से सामाजिक अशांति और हिंसा की आशंका हो सकती है।
धार्मिक या सांस्कृतिक समारोह- कुछ विशेष धार्मिक या सांस्कृतिक समारोहों के दौरान अफवाहों और गलत सूचनाओं को रोकने के लिए।
आर्थिक कारण-
नोटबंदी या वित्तीय निर्णय- नोटबंदी, आर्थिक नीति परिवर्तन, या वित्तीय घोटालों की स्थिति में।
साइबर सुरक्षा-
साइबर हमले- किसी बड़े साइबर हमले की स्थिति में, जैसे कि डेटा चोरी या हैकिंग की घटनाएँ।
उदाहरण-
- भारत में जम्मू और कश्मीर- जम्मू और कश्मीर में अक्सर इंटरनेट शटडाउन किया गया है, खासकर आतंकवादी गतिविधियों और सुरक्षा चिंताओं के कारण।
- म्यांमार में राजनीतिक विरोध- म्यांमार में राजनीतिक विरोध के दौरान सरकार ने इंटरनेट शटडाउन का सहारा लिया था।
- ईरान में ईंधन मूल्य वृद्धि- ईरान में 2019 में ईंधन की कीमतों में वृद्धि के विरोध में बड़े पैमाने पर प्रदर्शनों के दौरान इंटरनेट शटडाउन किया गया था।
इंटरनेट शटडाउन एक गंभीर कदम है और इसका उपयोग केवल तब किया जाना चाहिए जब अत्यंत आवश्यक हो, क्योंकि इसका व्यापक और गंभीर प्रभाव हो सकता है।
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इंटरनेट बंद करने से देश और समाज में क्या प्रभाव पड़ता है-
आर्थिक नुकसान- व्यवसायों और सेवाओं को हानि होती है।
सामाजिक प्रभाव- लोग अपने परिवार और मित्रों से संपर्क खो सकते हैं।
शैक्षणिक प्रभाव- ऑनलाइन शिक्षा और जानकारी तक पहुंच नहीं होती।
क्या VPN का इस्तेमाल करके इंटरनेट शटडाउन के समय भी इंटरनेट चलाया जा सकता है?-
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इंटरनेट शटडाउन के समय VPN (Virtual Private Network) का उपयोग करने से पूरी तरह से इंटरनेट का उपयोग करना संभव नहीं होता है, लेकिन कुछ हद तक मदद मिल सकती है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि शटडाउन किस प्रकार से लागू किया गया है और VPN सेवा किस तरह से काम कर रही है।
VPN कैसे काम करता है-
VPN के माध्यम से इंटरनेट तक पहुँच बनाने से पहले हमको यह जानना जरूरी होता है की आखिर VPN काम कैसे करता है? तो चलिए पहले यही जानते हैं। –
डाटा एन्क्रिप्शन- VPN आपके डाटा को एन्क्रिप्ट करता है, जिससे आपकी ऑनलाइन गतिविधियाँ सुरक्षित रहती हैं।
IP एड्रेस छुपाना- VPN आपके वास्तविक IP एड्रेस को छुपाता है और आपको एक नया IP एड्रेस देता है, जो किसी अन्य स्थान का हो सकता है।
सर्वर के माध्यम से कनेक्शन- VPN आपको अपने सर्वर के माध्यम से इंटरनेट से कनेक्ट करता है, जिससे आपकी वास्तविक लोकेशन और डेटा छुपी रहती है।
इंटरनेट शटडाउन के दौरान VPN की सीमाएँ-
नेटवर्क ब्लॉकिंग- यदि सरकार ने इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (ISPs) को नेटवर्क बंद करने का आदेश दिया है, तो VPN काम नहीं करेगा क्योंकि बुनियादी नेटवर्क कनेक्टिविटी ही बंद होगी।
DNS ब्लॉकिंग- यदि DNS सर्वर को ब्लॉक कर दिया गया है, तो VPN सेवा तक पहुँच पाना मुश्किल हो सकता है।
IP एड्रेस ब्लॉकिंग- यदि VPN सर्विस के IP एड्रेस को ब्लॉक कर दिया गया है, तो उस VPN का उपयोग नहीं किया जा सकेगा।
डीप पैकेट इंस्पेक्शन (DPI)- कुछ सरकारें DPI तकनीक का उपयोग करके VPN ट्रैफिक को पहचान सकती हैं और उसे ब्लॉक कर सकती हैं।
कुछ परिस्थितियाँ जहाँ VPN मदद कर सकता है-
सेंसरशिप- यदि सरकार ने कुछ विशेष वेबसाइट्स या सेवाओं को ब्लॉक किया है, तो VPN का उपयोग करके इन ब्लॉक्स को बायपास किया जा सकता है।
आंशिक शटडाउन- यदि शटडाउन आंशिक है और कुछ इंटरनेट सेवाएँ अभी भी चालू हैं, तो VPN का उपयोग करके शेष सेवाओं का उपयोग किया जा सकता है।
सामान्य शटडाउन- यदि किसी देश में सिर्फ कुछ विशेष वेबसाइट्स को ही ब्लॉक किया गया है, तो VPN का उपयोग करके उन वेबसाइट्स तक पहुंचा जा सकता है।
अतः हम कह सकते हैं कि VPN कभी-कभी इंटरनेट शटडाउन के दौरान मददगार हो सकता है, लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि शटडाउन किस हद तक और किस तरीके से लागू किया गया है। VPN का उपयोग करते समय कानूनी और सुरक्षा पहलुओं का ध्यान रखना भी महत्वपूर्ण है।
भारत में किन नियमों के तहत किया जाता है इंटरनेट शटडाउन?
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भारत में इंटरनेट शटडाउन मुख्य रूप से भारतीय टेलीग्राफ एक्ट,1885 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत किया जाता है। इसके अतिरिक्त, सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों और सरकार द्वारा जारी किए गए विभिन्न नियमों का भी पालन किया जाता है। यहाँ कुछ प्रमुख नियम और प्रावधान हैं जिनके तहत इंटरनेट शटडाउन किया जाता है।
- भारतीय टेलीग्राफ एक्ट,1885-
धारा 5(2)
इस धारा के तहत, सरकार को पब्लिक इमरजेंसी या पब्लिक सेफ्टी के मामलों में टेलीग्राफ सेवाओं को निलंबित करने की शक्ति दी गई है। इसमें इंटरनेट सेवाओं को भी शामिल किया गया है।
इस नियम के अनुसार इंटरनेट शटडाउन का आदेश केवल केंद्र सरकार या राज्य सरकार द्वारा अधिकृत अधिकारियों द्वारा जारी किया जा सकता है। - सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम,2000-
धारा 69A
इस धारा के तहत, केंद्र सरकार या उसके द्वारा अधिकृत कोई अधिकारी, यदि यह आवश्यक समझता है कि यह सूचना का अवरोधन, निगरानी, या डिक्रिप्शन करने के लिए उपयुक्त है, तो वह ऐसा कर सकता है।धारा 69A का उपयोग आमतौर पर वेबसाइट ब्लॉकिंग के लिए किया जाता है, लेकिन इसे इंटरनेट शटडाउन के संदर्भ में भी लागू किया जा सकता है। - टेम्परेरी सस्पेंशन ऑफ टेलीकॉम सर्विसेज (पब्लिक इमरजेंसी या पब्लिक सेफ्टी) नियम, 2017-
इन नियमों के तहत, केंद्र सरकार और राज्य सरकारें इंटरनेट सेवाओं के अस्थायी निलंबन का आदेश दे सकती हैं। इन नियमों के अनुसार, केवल गृह सचिव (केंद्र या राज्य स्तर पर) या उनसे अधिकृत व्यक्ति ही इंटरनेट शटडाउन का आदेश जारी कर सकते हैं। यह आदेश अधिकतम 15 दिनों के लिए हो सकता है और इसकी समीक्षा नियमित रूप से की जानी चाहिए। - सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश-
जनवरी 2020 में, सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया था जिसमें इंटरनेट शटडाउन के मुद्दों पर दिशा-निर्देश दिए गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इंटरनेट शटडाउन को अनिश्चित काल तक जारी नहीं रखा जा सकता और इसका आदेश पारदर्शी तरीके से जारी किया जाना चाहिए। हर इंटरनेट शटडाउन का आदेश सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होना चाहिए और इसकी समीक्षा नियमित रूप से होनी चाहिए।
उदाहरण-
जम्मू और कश्मीर- जम्मू और कश्मीर में अक्सर इंटरनेट शटडाउन भारतीय टेलीग्राफ एक्ट, 1885 की धारा 5(2) और टेम्परेरी सस्पेंशन ऑफ टेलीकॉम सर्विसेज नियम, 2017 के तहत किया गया है।
राष्ट्रीय सुरक्षा- किसी विशेष क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों या सुरक्षा चिंताओं की स्थिति में इंटरनेट शटडाउन का आदेश जारी किया जा सकता है।
भारत में इंटरनेट शटडाउन को कानूनी ढांचे के तहत किया जाता है, जिसमें विभिन्न नियम और अधिनियम शामिल हैं। हालांकि, इसके उपयोग को संतुलित और उचित बनाए रखने के लिए नियमित समीक्षा और पारदर्शिता महत्वपूर्ण है।
हम उम्मीद करते हैं आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इस पोस्ट के विषय में आप अपनी राय अवश्य कमेंट करें।
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