एयर इंडिया: कर्ज के बोझ में दबी सरकारी विमानन कम्पनी एयर इंडिया को बेचने के लिए सरकार ने बोली मगाई है। सरकार ने एयर इंडिया की 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है। ज्ञात हो की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में बने एक मंत्री समूह ने 7 जनवरी को इस सरकारी विमानन कम्पनी के निजीकरण से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। एयर इंडिया पर 80 हजार करोड़ रूपए बकाया है। सरकारी सूत्रों के अनुसार 17 मार्च तक एयर इंडिया के लिए बोली लगाई जा सकती है। नीलामी प्रक्रिया में जो योग्य होंगे उन्हें 31 मार्च तक इसकी जानकारी दी जायेगी। आपको बता दें की एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस में 100 फीसदी शेयर सरकार के पास ही हैं।
2018 -19 में एयर इंडिया का घाटा बढ़ा –
वित्त वर्ष 2018 -19 में एयर इंडिया को 8556 करोड़ रूपए का शुद्ध घटा हुआ है। अभी कम्पनी पर 80,000 करोड़ रूपए का बकाया है, उसका घटा भी हजारों करोड़ रूपए का है। सरकार ने विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए हाल के दिनों में कई फैसले लिए हैं।
भाजपा नेता स्वामी अदालत जाने की चेतावनी दे चुके हैं-
सरकार के इस फैसले के खिलाफ भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी खड़े हो गए हैं। उन्होंने सरकार के इस फैसले के खिलाफ अदालत जाने की चेतावनी दी है। भारतीय जनता पार्टी से सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट के जरिये फैसले का विरोध करते हुए कहा की यह सौदा पूरी तरह से देश विरोधी है और मुझे कोर्ट जाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। हम परिवार की बेशकीमती चीज को नहीं बेच सकते हैं।
बेलआउट पैकेज पर चल रही है कम्पनी-
50000 करोड़ से ज्यादा के कर्ज में डूबी सरकारी विमानन कम्पनी एयर इंडिया इस समय अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। कम्पनी इस समय सरकार की और से दिए जा रहे बेलआउट पैकेज पर चल रही है, सञ्चालन में सुधार नहीं होने के कारन कम्पनी का घटा हर साल बढ़ता जा रहा है। (एयर इंडिया)
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