Censor Board: आपने अक्सर कोई भी फिल्म शुरू होते टाइम एक सर्टिफिकेट जरूर देखा होगा और हो सकता है की आपके मन में यह सवाल आया हो की इस सर्टिफिकेट का आखिर क्या मतलब होता है? क्यों हर मूवी की शुरआत में यह सर्टिफिकेट दिखाया जाता है? तो आज दी हिंदुस्तान टुडे आपको यही बताने जा रहा है की क्यों हर मूवी की शुरआत में यह सर्टिफिकेट दिखाया जाता है और आखिर किस सर्टिफिकेट का क्या मतलब होता है?
सबसे पहले बात कर लेते है की सर्टिफिकेट को क्यों दिखाया जाता है?-
दरअसल हर मूवी किसी अलग विषय को टारगेट करके बनाई जाती है हर मूवी की अपनी ही कहानी होती है अब ऐसे में मूवी देखने वाले को यह तो पता नहीं होता है की जो मूवी वह देख रहा है वह किस तरह की है इसी लिए भारत सरकार का एक आर्गेनाइजेशन जिसे CBFC सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ फिल्म सर्टिफिकेशन (सेबी) कहा जाता है हर फिल्म को पहले अच्छे से देखता है, परखता है इसके बाद उस मूवी को एक विशेष प्रकार का सर्टिफिकेट प्रदान करता है जिसे मूवी को शुरू होते टाइम कम से कम 5 सेकंड तक दिखाना जरुरी होता है। (Censor Board)
अब बात करते हैं की किस सर्टिफिकेट का क्या मतलब होता है-
सबसे पहले बात करते हैं U सर्टिफिकेट की-

इस सर्टिफिकेट का मतलब होता है की इस मूवी को हर उम्र हे लोग देख सकते है अतः उस मूवी के अंदर कुछ भी ज्यादा एक्शनेबल या वयस्क कंटेंट नहीं है सामान्य मूवी है।
अब बात करते हैं UA सर्टिफिकेट की –

इस सर्टिफिकेट का मतलब होता है की इस तरह की मूवी को 12 साल से अधिक उम्र के बच्चे देख सकते है, 12 साल से कम उम्र के बच्चे इस तरह की मूवी को अपने माता-पिता की गाइडेंस (निगरानी) में ही देख सकते है, बिना माता पिता की निगरानी के नहीं देख सकते हैं, क्योंकि इस तरह की मूवी में एक्शनेबल कंटेंट या हॉरर कंटेंट या फिर माइनियर एडल्टनेस हो सकती है इसीलिए UA सर्टिफिकेट की मूवीज को 12 साल से कम उम्र के बच्चे माता-पिता की निगरानी के नहीं देख सकते हैं।
अब बात करते हैं A सर्टिफिकेट की –

जिन मूवीज को A सर्टिफिकेट दिया जाता है, उन मूवीज को 18 साल से अधिक उम्र के बच्चे ही देख सकते हैं क्योंकि A सर्टिफिकेट की मूवीज में एडल्टनेस देखने को मिलती है इसी लिए इसे केवल वयस्क लोग ही देख सकते हैं।
तो यह हैं मूवीज के मुख्य सर्टिफिकेट जो की मूवी किस टाइप की है यह बताते है। एक और विशेष तरह का सर्टिफिकेट भी सेंसर बोर्ड द्वारा मूवीज को दिया जाता है, जो है-

S सर्टिफिकेट– आपने वैसे इस सर्टिफिकेट को शायद ही देखा हो मगर हो सकता है की आपने देखा भी हो इस तरह का सर्टिफिकेट यह सर्टिफिकेट किसी विशेष तरह की मूवी को दिया जाता है उदाहरण के लिए अगर मूवी को डॉक्टर के विषय के लिए बनाया जाता है या किसानो के लिए बनाया जाता है या फिर मूवी को फौजीयों के लिए बनाया जाता है या किसी और विषय को टारगेट करके मूवी को बनाया जाता है तब सेंसर बोर्ड फिल्म को S सर्टिफिकेट प्रदान करता है। (Censor Board)
अब हम आपको सेंसर बोर्ड के बारे में कुछ बातें बताते हैं-
अगर आप भी अपनी मूवी के लिए सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट लेना चाहते है तो आप ऑनलाइन ये ऑफलाइन दोनों तरह से आवेदन कर सकते है सेंसर बोर्ड मूवीज को सर्टिफिकेट अधिकतम 68 दिनों के भीतर दे देता है और अगर आपकी मूवी में कुछ गलत दिखाया गया है जो की लोगों के देखने लायक नहीं है या फिर देखने से हिंसा या कसी अलग तरह से देश के लोगों को या देश को नुक्सान हो सकता है तो ऐसी स्थिति में सेंसर बोर्ड सर्टिफिकेट देने से मन कर देता है या फिर कोई विशेष सीन जो सेंसर बोर्ड को लगता है की गलत दिखाया गया है को कट करने के निर्देश देता है इसके बाद सर्टिफिकेट प्रदान कर दिया जाता है।
फिल्म सर्टिफिकेट और सेंसर बोर्ड के बारे में वीडियो के माध्यम से जानने के लिए वीडियो देखें-