Chanayak Niti चाणक्य की इन बातों को यदि आप जीवन में उतार लेंगे तो हर क्षेत्र में मिलेगी कामयाबी।

Chanayak Niti चाणक्य की इन बातों को यदि आप जीवन में उतार लेंगे तो हर क्षेत्र में मिलेगी कामयाबी।

Chanayak Niti चाणक्य की इन बातों को यदि आप जीवन में उतार लेंगे तो हर क्षेत्र में मिलेगी कामयाबी।
Chanayak Niti चाणक्यनीति the hindustan today

आचार्य चाणक्य का नाम तो आपने सुना ही होगा परन्तु क्या आप यह जानते हैं की चाणक्य का असली नाम क्या था? चाणक्य को कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है परन्तु चाणक्य का वास्तविक नाम विष्णुगुप्त था जो उनके पिता द्वारा दिया गया था।
चाणक्य जैसा चतुर और बुद्धिमान व्यक्ति बहुत कम ही देखने को मिलते हैं, चाणक्य एक ऐसे राजनीतिज्ञ थे जिन्होंने मगध के अत्याचारी शासक धनानंद का सबकुछ नाश करके भारत वर्ष में मौर्य साम्राज्य की स्थापना की थी।
चाणक्य द्वारा कही गई बातों को चाणक्यनीति के नाम से जाना जाता है, चाणक्य ने कई विषयों में कई सारी बाते कही है परन्तु आज हम आपको चाणक्य द्वारा कही गई उन बातों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन बातों को यदि आप अपने जीवन में उतार लेते हैं तो फिर आपको जीवन के हर क्षेत्र में कामयाबी मिलना संभव है।


(1). आपको अकेले ही चलना होगा।


चाणक्य कहते हैं की मनुष्य अकेला ही जन्म लेता है और अकेला ही मरता है। वह अकेले ही अपने अच्छे और बुरे कर्मों को भोगता है वह अकेले ही नर्क में जाता है और अकेले ही स्वर्ग में जाता है।
कहने जका तात्पर्य यह है की आपको अपने जीवन की लड़ाई अकेले ही लड़नी होगी यदि आप सोच रहे हों की आपकी ओर से कोई आपकी लड़ाई लड़ेगा तो ऐसा नहीं है आपको अकेले ही लड़ना होगा आपको अकेले ही अपने कर्म करने होंगे और आप अकेले ही उन कर्मों का फल भोगेंगे फिर चाहे फल अच्छा हो या बुरा।

(2). शत्रु को कैसे मारें?


अपने से शक्तिशाली शत्रु को विनम्रता पूर्वक उसके अनुसार चलकर, दुर्बल शत्रु पर अपना प्रभाव डालकर और सामान बल वाले शत्रु को अपनी शक्ति से ( जैसा अवसर हो) उसके अनुसार व्यवहार करके वश में करना चाहिए।
अतः चाणक्य यह कहना चाहते है की अपने शत्रु को पहले परख लेना चाहिए की वह कितना बलवान है इसके बाद उससे उसी तरह का व्यवहार करना चाहिए।

(3). संतुष्ट रहना सीखो।

इस संसार में आज तक किसी को भी प्राप्त धन से, इस जीवन से, स्त्री से और खान पान से पूर्ण तृप्ति कभी नहीं मिली। पहले भी और अब भी और आगे भी इन चीजों से संतोष होने वाला नहीं है। इनका जितना उपभोग किया जाए उतनी ही तृष्णा बढ़ती जाती है।
अतः चाणक्य या समझने की कोशिश कर रहे हैं की मनुष्य की लालसा कभी भी ख़त्म नहीं होती है।

(4). इन अवगुणों को हटा दो और गुणों को अपना लो।

लोभ सबसे बड़ा अवगुण है, परनिंदा सबसे बड़ा पाप है, सत्य सबसे बड़ा तप है और मन की पवित्रता सभी तीर्थों में जाने से उत्तम है।
सज्जनता सबसे बड़ा गुण है, यश सबसे उत्तम अलंकार(आभूषण ) है, उत्तम विद्या सबसे बड़ा धन है और अपयश मृत्यु के समान सर्वाधिक कष्टकारक है।

(5). मनुष्य और पशु में अंतर।

भोजन, नींद , डर, सम्भोग आदि यह वृत्ति(गुण) मनुष्य और पशुओं में सामान रूप से पाई जाती हैं।
पशुओं की अपेक्षा मनुष्यों में केवल ज्ञान (बुद्धि) ही एक विशेष गुण है। अतः ज्ञान के बिना मनुष्य पशु के सामान होता है।
अतः चाणक्य यह कहना चाहते हैं की मनुष्य को अपनी बुद्धि का प्रयोग करना चाहिए अन्यथा उसमें और पशु में कोई भी अंतर ही नहीं रहेगा।

Chanayak Niti चाणक्यनीति by the hindustan today

देखिए Habibganj रेलवे स्टेशन अंदर से कैसा दिखता है जिसका नाम बदलकर Rani Kamlapati स्टेशन कर दिया है

#the_hindustan_today @thehindustantoday #thtnews #har_khabar_ab_desi_andaj_me latest_hindi_news

The Hindustan Today

2 Replies to “Chanayak Niti चाणक्य की इन बातों को यदि आप जीवन में उतार लेंगे तो हर क्षेत्र में मिलेगी कामयाबी।”

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *