चुनाव आयोग एक महत्वपूर्ण विषय में रोक लगाने की तैयारी में है। दरअसल चुनाव आयोग राजनैतिक दलों को मिलने वाले अनाव-शनाव चंदे पर रोक लगाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए सोमवार को आयोग ने कानून मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा है जिसके तहत राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे की अधिकतम सीमा 20000 से घटा कर 2000 करने का प्रस्ताव है। साथ ही काले धन के चंदे पर लगाम लगाने के लिए नगद चंदे को 20 प्रतिशत या अधिकतम 20 करोड़ रूपए तक सीमित करने का प्रस्ताव भेजा है। रिपोर्ट के मुताबिक मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू को पत्र लिखकर जनप्रतिनिधित्व (आरपी) अधिनियम में कई संशोधन करने की सिफारिश की है। आयोग का मानना है की इन प्रस्तावों के लागू होने से चुनाव को काळा धन से मुक्त किया जा सकता है।
कई राजनीतिक दल ज्यादा चंदा लेकर कम दिखाते थे-
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कई राजनीतिक दल ऐसे हैं जिन्होंने 20,000 रुपये से अधिक का योगदान जीरो दिखाया है, जबकि उनके लेखा परीक्षित खातों के विवरण में बड़ी मात्रा में प्राप्तियां दिखाई गई हैं। इन्ही विषयों को ध्यान में रखकर चुनाव आयोग ने इस तरह का प्रस्ताव तैयार किया है।
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क्या-क्या है प्रस्ताव में-
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रिपोर्ट के अनुसार प्रस्तावित संशोधनों से उम्मीदवार द्वारा चुनाव से संबंधित रसीद और भुगतान के लिए एक अलग खाता भी बनाना होगा और इसे पारदर्शी रूप से चुनाव खर्च के रूप में अधिकारियों को बताना होगा। इसके अलावा, आयोग यह भी चाहता है कि प्रत्येक उम्मीदवार चुनाव उद्देश्यों के लिए एक अलग बैंक खाता खोले, जिसमें चुनाव खर्च के हिस्से के रूप में सभी खचरें और प्राप्तियों से संबंधित सभी विवरण होंगे। सूत्रों के मुताबिक चुनाव आयोग द्वारा प्रस्तावित चुनावी सुधारों में राजनीतिक दलों को फंडिंग में अधिक पारदर्शिता के लिए पार्टियों के फंड से विदेशी फंड को अलग करना भी शामिल है।