खिलौने में निर्माता का पता लिखना होगा अब जरूरी

खिलौने में निर्माता का पता लिखना होगा अब जरूरी

यदि आने वाले दिनों में सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो बच्चों के खिलौनों पर एक पहचान संख्या और उसके मैन्यूफैक्चर का पता लिखना अनिवार्य हो जाएगा। इतना ही नहीं यदि उत्पाद घरेलू गुणवत्ता के मानकों के अनुरूप नहीं पाया गया तो आयातकों को बाजार में मौजूद उनके खिलौनों को वापस लेना होगा या तेजी से सुधारात्मक कार्यवाही करनी होगी। बच्चों के लिए भारी जोखिम पैदा करने वाले उप-मानक खिलौनों के बड़े आयात से वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय काफी चिंतित है।

खिलौने में निर्माता का पता लिखना होगा अब जरूरी
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वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय न केवल आयातित खिलौने पर आयत शुल्क में तेजी से बढ़ोतरी करने का पक्षधर है, बल्कि एक गुणवत्ता नियंत्रण आदेश के माध्यम से कड़े मानकों को लाने पर भी विचार कर रहा है। यह कदम नवम्बर 2019 में क़्वालिटी काउंसलिंग ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के बाद उठाया गया है। क्यूसीआई की रिपोर्ट में दिल्ली के प्रमुख बाजारों में 121 किस्मों के खिलौने में से 67 फीसदी नमूने बेसिक क़्वालिटी टेस्ट में फैल हो गए थे। वाणिज्य मंत्रालय ने पहले ही राजस्व विभाग को सिफारिश की है की खिलौनों पर मूल सीमा शुल्क को मौजूदा 20 फीसदी से 5 गुना तक बढ़ा दिया जाए।

सस्ता पड़ रहा महंगा-

भारत में 85 फीसदी से अधिक खिलौने मुख्य रूप से चीन से आयत किये जाते है, उसके बाद मलेशिया और श्रीलंका से आते हैं। वित्तीय वर्ष 2018-19 में खिलौनों और सम्बंधित वस्तुओं का देश का आयत लगभग आठ फीसदी बढ़कर 646 मिलियन डॉलर हो गया, हालांकि इस साल नवम्बर तक खरीद में 7.6 फीसदी की कमी आई जो वित्त वर्ष में बढ़कर 403 मिलियन डॉलर हो गई , जो आंशिक रूप से इनफ्लो की सख्त निगरानी के कारन थी। हालांकि फिर भी गैर गुणवत्ता उत्पाद अब भी मार्केट में है क्योंकि यह सस्ते होते हैं।

आयातकों को अपना नाम और पता दर्शाना होगा-

क्यूसीआई की रिपोर्ट ने सुझाव दिया है की सभी आयातक, बाजार में खिलौने लाने से पहले सुनिश्चित करेंगे की निर्माता द्वारा उचित अनुरूपता मूल्यांकन प्रक्रिया का पालन किया गया है और भारतीय मानकों के अनुसार आवश्यकताओं का अनुपालन किया गया है। आयातकों को भी खिलौनों पर अपना नाम, पंजीकृत व्यापार का नाम और पता इंकित करना होगा। इसका उल्लेख खिलौनों की पैकेजिंग या उसके साथ मौजूद दस्तावेज में होना चाहिए। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है की अगर आयातक को लगता है की उनका उत्पाद मानकों के अनुरूप नहीं है तो उन्हें सुधारात्मक उपायों हेतु इसे वापस लेने की कार्रवाई करनी चाहिए।

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